Chalo tum chor do mujhko poetry by swati | sad poetry in hindi | sukun ka safar

ये मेरे कुछ अल्फाज उन लोगों के लिए है जिनके पार्टनर्स मूव ऑन कर जाते हैं, तो कुछ लाइनें मैं शेयर करना चाहूंगी..!!



चलो तुम छोड़ दो मुझको, 

मैं वापस लौट जाती हूँ,


की चलो तुम छोड़ दो मुझको,

मैं वापस लौट जाती हूँ,


तुम्हें मंजिल मुबारक हो,

नया साथी मुबारक हो,


मगर ए मेरे हमदम 

कहाँ से साथ लाये थे,

मुझे इतना तो बतला दो


कहाँ से तुम साथ लाये थे 

मुझे इतना तो बतला दो 


मैं वापस किस तरह जाऊं 

मुझे इतना तो समझा दो 


अगर इतना नहीं मुमकिन 

तो मुझे इस तरह तोड़ो 

की एकदम ही बिखर जाऊं


अगर इतना नहीं मुमकिन तो 

मुझे इस कदर तोड़ो 

की मैं इतना बिखर जाऊं,


जुदा होने से अच्छा है 

की तेरे पास ही मर जाऊं


चलो तुम छोड़ दो मुझको, 

मैं वापस लौट जाती 

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